मंगलवार, 28 सितंबर 2010

                                                      
                                                 नुक्कड़ नाटक श्रृंखला : बेटी आई है
                                                                                           दिनांक : २६-२८ फरवरी,  २०१०                           
                                             संयोजन : श ब्दम एवं स्त्री मुक्ति संगठन, मुम्बई
                                                 स्थान : शिकोहाबाद, सिरसागंज व बटेश्वर

नाटक में समाज में स्त्रियों के प्रति व्याप्त अन्याय, शोषण और दहेज आदि कुरीतियों पर नृत्य, संगीत एवं व्यंग्य की विधाओं के माध्यम से करारा प्रहार किया। इनके अभियान का उद्देश्य समाज में स्त्रियों की दशा सुधारना तथा समान अधिकार दिलाना है। क्योंकि आज इतनी प्रगति कर लेने के बाद भी हमारे समाज में कन्या से ज्यादा पुत्र के जन्म पर खुशी मनाई जाती है, हर घर में यही कामना की जाती है कि पुत्रा की ही प्राप्ति हो। यह अपने कार्यक्रम से समाज की यह सोच को बदलने का प्रयास कर रहे हैं कि आज स्त्री पुरुष से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है तो उसे समाज में पुरुषों के समान स्वतंत्रता व अधिकार मिलने चाहिए।

स्त्री मुक्ति संगठन सुश्री ज्योति म्हापसेकर के निर्देशन में संचालित कामकाजी महिलाओं व पुरुषों का संगठन है जो कि अपने निजी जीवन के दायित्वों के निर्वहन के साथ-साथ समाज सुधाज के कार्य में भी लगे हैं। स्त्री मुक्ति संगठन अभी तक पूरे भारतवर्ष में दो हजार से अधिक नाटकों की प्रस्तुतियाँ दे चुका है।

शब्दम एवं स्त्री मुक्ति संगठन, मुम्बई के संयुक्त तत्वाव्धान में आयोजित ‘नुक्कड़ नाटक श्रृंखला : बेटी आई है’ का मंचन शिकोहाबाद नगर के स्टाफ क्लब, ज्ञानदीप पब्लिक सी.सेके. स्कूल, यंग स्कॉलर्स एकेडमी व सिरसागंज के इंदिरा मेमोरियल पब्लिक स्कूल, ब्राइट स्कॉलर्स एकेडमी एवं बटेश्वर में किया गया।

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